सीबीएसई की 10 वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद जिले के करीब 40 हजार छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की कवायद शुरू हो गई है। हाल में सीबीएसई ने जिले के सभी स्कूलों से सुझाव मांगे, सभी स्कूलों संचालकों ने सुझाव सीबीएसई को भेज दिए हैं। सुझावों में छात्रों की आंतरिक परीक्षा व उनके सालाना परफॉर्मेंस को तरजीह दी गई है। अधिकांश स्कूलों की राय एकमत है। ऐसे में उसी के आधार पर 10 वीं के छात्रों को 11 वीं में प्रमोट किया जा सकता है।

 जिले में 170 सीबीएसई स्कूलों में 3 लाख से अधिक छात्र हैं। 10 वीं व 12 वीं के लिए जिले में 78 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 10 वीं के करीब 40 हजार और 12 वीं के लगभग 45 हजार परीक्षा देते। कोरोना के कहर के कारण सीबीएसई ने 10  सीबीएसई की परीक्षा रद्द कर दी हैं, जबकि 12 वीं की आगामी आदेशों तक टाल दी है। अब 10 वीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट कर 11 वीं में प्रवेश दिलाया जाना है। इसी को लेकर सीबीएसई ने जिले के सभी प्रधानाचार्यों से सुझाव मांगे है कि किस आधार पर छात्रों को प्रमोट किया है। 


जिला समन्वयक रेणू सिंह ने बताया कि सीबीएसई की तरफ से सुझाव मांगे गए हैं। हमने सुझाव दिए हैं कि छात्रों को उनकी सालाना परफॉर्मेंस, आंतरिक परीक्षा और प्री बोर्ड के आधार पर ही छात्रों का मूल्यांकन करने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश स्कूलों ने ऐसे ही सुझाव दिए हैं। जल्द ही सीबीएसई की ओर से निर्णय लिया जाएगा।

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