अभिनेता दिलीप कुमार और राज कपूर  के पेशावर में मौजूद पुश्तैनी घरों को म्यूजियम में तब्दील करने का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा (केपी) सरकार ने पेशावर में दो दिग्गज फिल्म अभिनेताओं दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घर खरीदने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की है। केपी सरकार ने राज्य के भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के एक आवश्यक सेक्शन (धारा) को लागू किया है, जो सरकार को आपातकालीन आधार पर दोनों घरों पर कब्जा करने के लिए अधिकृत करता है।

दरअसल, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894  पाकिस्तान  का एक कानून है, जिसका उपयोग करके सरकार निजी भूमि का अधिग्रहण कर सकतीं हैं। इसके लिए सरकार द्वारा भूमि मालिकों को क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देना आवश्यक है। बताया जा रहा है कि मकान मालिकों को भुगतान के लिए जल्द ही पेशावर के उपायुक्त (डीसी) को राशि जारी की जाएगी।

पाकिस्तानी डेली न्यूज पेपर द डेली जंग के मुताबिक, पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग के अनुसार दिलीप कुमार के घर की कीमत 80 लाख रुपये और राज कपूर के घर की कीमत 1.50 करोड़ रुपये आंकी गई है। दिलीप कुमार का घर 101 वर्गमीटर में फैला है और चार मंजिला है, वहीं राज कपूर का घर छह मंजिला है और यह 151 वर्ग मीटिर में फैला है।

द डेली जंग के मुताबिक, लंबे समय तक मकान मालिक दिलीप कुमार और राज कपूर के पुश्तैनी घरों


को बेचने के लिए तैयार नहीं थे, क्योंकि सरकार उन्हें मार्केट की कीमत के अनुसार दाम नहीं दे रही थी। उनका कहना था कि सरकार प्राइम लोकेशन की जमीन को अंडरवैल्यू कर खरीदना चाह रही है। दिलीपुर कुमार के पुश्तैनी घर के मालिक ने जहां इसके लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की थी, वहीं राज कपूर के पुश्तैनी घर के मालिक ने 200 करोड़ की डिमांड रखी थी। वहीं केपी सरकार का कहना था कि मकान मालिक काफी अधिक पैसों की मांग कर रहे थे और इन परिसरों की महत्ता की वजह से ब्लैकमेल कर रहे थे। 

राज कपूर के दादा और पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेस्वरनाथ ने हवेली को बनवाया था। इसे कपूर हवेली के नाम से जाना जाता है और यह 1918 से 22 के बीच बना है। 1924 में इसी घर में गुजरे जमाने के अभिनेता राज कपूर का जन्म हुआ था। 5 से 6 मंजिला यह हवेली उस समय इलाके की सबसे खूबसूरत हवेली थी, मगर कुछ साल पहले जर्जर होकर हवेली का ऊपरी मंजिल गिर गया था। पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार स्थित हवेली में 1947 तक कपूर परिवार यहां रहता था। बंटवारे के बाद कपूर परिवार मुंबई आकर बस गए थे। इसके बाद से इमारत का स्वामित्व कई हाथों में जा चुका है। 

पिछले साल पेशवार के किस्सा ख्वानी बाजार स्थित कपूर खानदान की इस पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया गया ता। पाकिस्तान सरकार पेशावार में स्थित अभिनेता राज कपूर और दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली को संग्राहालय बनाएगी। इसके लिए सरकार ने औपचारिक मंजूरी दे दी है और इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने यह कानून लागू किया है, जिसके तहत वह जमीन अपने अंडर में कर सकेगी।

पिछले कुछ समय में दोनों भवनों के मालिकों ने लोकेशन के महत्व को देखते हुए वाणिज्यिक मॉल के निर्माण के लिए उन्हें ध्वस्त करने के कई प्रयास किए, मगर सौभाग्य से इस इमारत के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए पुरातत्व विभाग ने उन्हें संरक्षित करना चाहा। पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर डॉ. अब्दुल समद ने कहा था कि इन घरों को म्यूजियम बनाया जाएगा।

गौरतलब है कि दिलीप कुमार का जन्म भी इसी इलाके में हुआ था। राज कपूर के घर से पांच मिनट के वॉकिंग डिस्टेंस पर उनका घर है। बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार का पुश्तैनी घर भी किस्सा ख्वानी बाजार के पास ही है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने हाल के वर्षों में जीर्ण शीर्ण पड़े घर को हासिल करने की कोशिश की ताकि इसे राष्ट्रीय विरासत स्थल के रूप में संरक्षित किया जा सके लेकिन कानूनी अड़चन के चलते ऐसा नहीं हो सका। कुमार का घर खुदादद मोहल्ले में डोमा गली के कोने में स्थित है।

दिलीप कुमार डोमा गली के कोने में स्थित इसी घर में 11 दिसंबर 1922 को जन्मे थे। उन्होंने किस्सा ख्वानी बाजार में अपने बचपन के कई साल बिताए हैं। यह किस्सा सुनाने वाले बाजार के रूप में भी विख्यात है। यहां मध्य एशिया के यात्रियों और व्यापारी किस्सा सुनाने के लिए इक्ट्ठा होते थे।  

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